आज आपकी सुबह
हर सुबह से खुशनुमा हो,
बस यही सोचकर
मैं आंखे खोलती हूँ,
जमीन पर पाँव रखने से पहले
ईश्वर को साक्षी मानकर,
शुरू करती हूँ
अपना सफर
कि आपके सफर की
थकान हमे मिले,
सपनों की उड़ान आपकी हो,
संघर्ष के निशान हमें मिले।
हर सुबह से खुशनुमा हो,
बस यही सोचकर
मैं आंखे खोलती हूँ,
जमीन पर पाँव रखने से पहले
ईश्वर को साक्षी मानकर,
शुरू करती हूँ
अपना सफर
कि आपके सफर की
थकान हमे मिले,
सपनों की उड़ान आपकी हो,
संघर्ष के निशान हमें मिले।
Bahut khub g
जवाब देंहटाएंSubh prabhat
thank you
हटाएंgood night