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माँ बनना मुश्किल तो नहीं!


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माँ बनना इतना मुश्किल नहीं है
दर्द अहसासों में कहाँ गुम हो जाता है
किसे खबर रहती,
दिन उम्मीदों में
और रातें सपनों में हवा होती हैं,
जो नहीं है
उसके होने का अहसास
सर्दियों में खिली
मुट्ठी भर धूप की तरह है,
है तो अजन्मा
पर सोच की उँगली थामे
देखो न कहाँ खड़ा है;
हर दरख़्त के साये में
हर दीवार से बड़ा है,
जब नरम हथेलियों की गुनगुनाहट में
करवटें लेता है,
रोम-रोम खिल उठता है,
यूँ तो है सुरक्षित
मेरे अंदर नौ महीने,
पर सीने से लगा लूँ अभी
मन मचल उठता है:
कितना कलरव करता है अंदर
सिसकियां भी भरता है कभी,
घूमता है, फिरता है, पुकारता है
जैसे कहता हो
मुझे दुनिया देखनी है अभी;
पहले दिनों में होती थी
महीनों की गिनती
अब तो हर घण्टे हिसाब होता है,
तुम्हारे होने में हम दोनों
बस तुम्हारे हो गए
उनकी शिकायतें सर-आंखों पर
पर तुम सबसे प्यारे हो गए,
जब सुनाती हूँ उन्हें तुम्हारी धड़कन
दूरी हमारे
और भी करीब लाती है,
तुम सांस लेते हो मेरे भीतर
और खुशी हमारी मुस्कराती है:
इतना मुश्किल नहीं है माँ बनना
मैं तो महसूसना चाहती हूँ
तुम्हारे जन्म का पल
नींद का इंजेक्शन लेकर नहीं,
प्रसव-पीड़ा सहते हुए,
योनि-मार्ग से निकलते हुए,
तुम्हारा पहला रोना
मैं सुन सकूँ
इतना मुश्किल भी नहीं है
माँ बनना
मैं गर्व से कह सकूँ।

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