Pages

ईश्वरेच्छा बलियसी











अक्सर

कहाँ मिलता ईश्वर?

ईश्वर, तुम मत सिमट जाना

श्रावण की पार्थी में

या मंदिर के किसी लिंग में

तुम रहना इन निम में!


पूजा को समर्पित मेरी आँखें चिरायु हों!


14 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द शनिवार 07 सितंबर 2024 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना

    जवाब देंहटाएं
  3. पार्थी और निम का अर्थ स्पष्ट नहीं हुआ

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. पार्थी जो अभिषेक में बनाते हैं और निम माने पलक.

      हटाएं
  4. गणेश चतुर्थी की आपको हार्दिक शुभकामनाएं। रिद्धि सिद्धि के दाता गणपति सभी को आरोग्य व सुख समृद्धि प्रदान करें 🙏
    बहुत सुन्दर रचना।

    जवाब देंहटाएं