कहानियों की किताब



"जो हुक्म। हम लेखक तो आप पाठकों के गुलाम होते हैं। हम वही दिखते हैं बस जो आप देखना चाहते हैं।"


"ये किताब आपने सीने से क्यों लगा रखी है ?" जिया का प्रश्न उभरा।


"तुम्हीं ने तो कहा था बीवी कभी प्रेमिका नहीं हो सकती तो मैं अपनी प्रेमिका को साथ लिए फिरता हूं। मुझसे बातें नहीं करती है तो क्या हुआ, चुप सी वो मेरे साथ रहती है। मुझे उलझनों में उलझाती है, बहुत उलझ जाती है जब ख़ुद में भी तो मेरे साथ एक सिरा थामकर बहुत दूर निकल जाती है।" साहिल का जवाब सुनते ही जिया ने


"वाह, वाह, वाह" कहा। इस पर साहिल ने जिया को कुछ याद दिलाते हुए कहा…


"तुमने झूमर कहानी को पढ़कर यही प्रतिक्रिया दी थी न!"


"जी, और आपने झुमकी के प्यार को जस्टिफाई क्यों नहीं किया था उस कहानी में? गलती क्या थी उसकी..


क्या साहिल का उत्तर नहीं जानना चाहेंगे आप? इसके आगे जानने के लिए

अनुस्वार: चुनिंदा कहानियाँ मेरी कलम से

5 टिप्‍पणियां:

Onkar ने कहा…

बहुत सुंदर

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बधाई

Rupa Singh ने कहा…

Congratulations 👏👏

Sudha Devrani ने कहा…

बहुत खूब..
हार्दिक बधाई आपको ।

शुभा ने कहा…

बहुत खूब!

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php