ब्लॉग जगत के अपने सुधी मित्रों से हाथ जोड़कर क्षमा मांग रही हूँ. पिछले कई महीनों से मेरे पोस्ट पर आ रही प्रतिक्रियाओं को पढ़ पा सकने में असमर्थ थी कारण कुछ तकनीक का मुझसे छूट जाना या ऐसा कह लीजिए कि मेरा तकनीकी रुप से अशिक्षित होना. इतने दिनों से आ रही प्रतिक्रिया मॉडरेशन के लिए चली जाती थी और मेरे पास कोई संदेश भी न आता. ब्लॉग बनाते समय मैंने मॉडरेशन मोड नहीं लगाया था तो कभी जाँचने का प्रयास भी नहीं किया. संभवतः थीम बदलते समय असावधानी वश लग गया. आप सभी सुधीजनों के ऊर्जावान शब्दों को मैं इतने दिन तक पढ़ नहीं पाई...आज इस बात का बहुत दुःख हो रहा है.
यह कोई पोस्ट नहीं एक क्षमायाचना है, कृपया आप लोग इसे अन्यथा न लीजिएगा. मैं अकिंचन अभी इतनी बड़ी लेखक नहीं हूँ कि आपके निरन्तर मिल रहे स्नेह को मॉडरेट करूँ. अगर आप में से कोई भी मुझे ये बताना चाहे कि ये प्रक्रिया हटाकर अविलम्ब प्रतिक्रिया कैसे प्रकाशित हो, तो सहर्ष स्वागत है.
धन्यवाद 🙏
मैने इसीलिये टिप्पणी करना छोड़ दिया था आपके चिट्ठे पर आकर। वैसे मेरी समझ से बाहर है कि लोग क्यों टिप्पणी मॉडरेशन करना चाहते हैं। खुला रखें टिप्पणी बक्सा। कभी किसी ने शरारत कर भी दी तो आप टिप्पणी हटा सकते हैं। पाठक एक तरह से हत्तोसाहित होता है अगर टिप्पणी छपती नहीं है। कोई बात नहीं इसमें क्षमा माँगने की जरूरत नहीं है। आप नीचे दिये तरीके के द्वारा टिप्पणी सीधे पा सकती हैं।
जवाब देंहटाएंचिट्ठा डिजाइन से सेटिंग में जाकर क्लिक करें। कमेंट्स यानि टिप्पणी में जायें। कमेंट मोडरेशन को नेवर करके सेव करलें। कोई समस्या आती है तो आप पूछ सकती हैं। My mail id is dr.s.k.joshi.alm@gmail.com
जी आपने बिल्कुल सही कहा कि मॉडरेशन की कोई आवश्यकता ही नहीं है. मुझे तो कभी नहीं लगी और ये गलती से हो गया होगा. मुझे तो प्रतिक्रियाओं की प्रतीक्षा रहती है. आप सभी लोगों के स्नेह वचनों से कलम लय पकड़ती है.
हटाएंअब आप पढियेगा और प्रतिक्रिया से अवगत भी कराइयेगा 🙏
आप ठीक तो कर चुकी हैंं। समस्या अब नहीं है।
जवाब देंहटाएंजी अब समस्या नहीं है. जब समस्या पता चली तो तत्काल उसे हटाने का प्रयास किया क्योंकि इतनी स्नेहमयी प्रतिक्रियाएं पढ़कर मुझे शर्मिंदगी महसूस हुई.
हटाएंपहले G+ था तो शायद समझ नहीं पाई थी मैं.
ये लो जी! मैं तो आपकी कहानियों की शृंखला पर दागे जा रहा था कामेंट्स का गोला! उन सबका क्या हुआ!!
जवाब देंहटाएंजी वो सब सुरक्षित हैं और मैंने पढ़े भी. बहुत आभार आपका. अब ऐसा अपराध नहीं होगा 🙏
हटाएंप्रिय अभिलाषा जी , मैं भी अब टिप्पणी करना छोड़ रही थी , पर शुक्र है आपने समस्या का समाधान खोज लिया | बहुत बहुत शुक्रिया |
जवाब देंहटाएंऐसा मत कीजिएगा सखी...आपकी स्नेहिल मुस्कान से हम दूर कैसे रहेंगे? हम तो इस सोच में आधे हो गए कि हमारा लिखा किसी को पसंद नहीं आता.
हटाएंबहुत बड़ा बोझ उतर गया मन से 🙏 आप सभी का हृदय तल से आभार.
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएं🙏🙏🌷🌷🌷🌷😊😊
हटाएंरेणु जी आपका भी कमेंट बॉक्स नहीं खुल रहा है ,आप भी ठीक कर ले ,ताकि हम कुछ लिख सके
हटाएंक्षमा याचना कितनी जरूरी है आपकी पोस्ट व उस पर आई टिप्पणियों से पता चलता है।
जवाब देंहटाएंमुझसे गलती हुई भले ही अनजाने में हुई तो मेरा दायित्व बनता है कि आप लोगों तक सही बात पहुँचे बस इसी कारण ये पोस्ट लिखा.
हटाएंधन्यवाद आपका.
आभार!
जवाब देंहटाएंदेर आये दुरुस्त आये ,जब जागो तभी सवेरा ,चलिये सब ठीक हो गया
जवाब देंहटाएंजी सही कहा आपने!
हटाएंप्रिय ज्योति जी , उच्छ्वास मेरा ब्लॉग है जो सक्रिय नहीं | इसलिए उस पर टिप्पणी का विकल्प बंद है | सक्रीय ब्लॉग क्षितिज और मीमांसा ही हैं | क्षमा प्रार्थी हूँ उस पर टिप्पणी का विकल्प बंद करने के लिए | मेरे मोबाइल से टिप्पणी करने पर वही खुलता है क्योंकि वह ब्लॉग मेरे दुसरे इ मेल से संचालित है |आपको और अन्य पाठकों को हुई असुविधा के लिए खेद है
जवाब देंहटाएं