देखना
एक दिन
तुम सब मारे जाओगे
हाँ तुम सब
मैं भी
लेकिन सबसे पहले
वे मारे जायेंगे
जिनका नाम शुरु होगा “र” से
मैं डरता हूँ
थर्राता हूँ
नींद नहीं आती है
तो रातों में उठ बैठता हूँ
मेरा किसी काम में
मन नहीं लगता
यहाँ वहाँ भागता रहता हूँ
कम हो गयी है मेरी प्रोडक्टिविटी
गुस्सा तो बहुत करने लग जाता हूँ
बैठ नहीं पाता एक जगह टिककर
और तुम्हें पता है
दो महीने पहले
उस नौकरी से निकाल दिया जाता हूँ
जहाँ मैंने दिये थे अपने 20 साल
और पिछले महीने
तीन और नौकरियों से
फारिग कर दिया जाता हूँ मैं
अब कोई काम नहीं
दिन भर खुद से ही उलझता हूँ
झल्लाता हूँ
सिर धुनता हूँ
अब मेरे पास बहुत वक्त है
कि बता सकूँ सभी को
घूम-घूम कर
चिल्ला-चिल्ला कर
कि मार दिए जायेंगे सब
कोई नहीं बचेगा
लेकिन सबसे पहले वे ही मारे जायेंगे
जिनका नाम “र” से शुरू होता है
जितना मानसिक व्यग्र दिख रहा हूँ मैं
मुझे देख कर हर कोई यही कहेगा
हाँ जरुर इसके साथ कुछ हुआ होगा
इस तरह मेरी बात
बातों ही बातों में
देर तक चलती रहेगी
दूर तक निकल जायेगी
और इसे मान लिया जायेगा सच
झूठ की चाशनी में लिपटा हुआ
आज का निर्लज्ज सच
कहीं खौफ़नाक मुस्तक़बिल न हो जाये
4 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर
ला जवाब!
बहुत सुंदर
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
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