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चंद क्षणिकाएँ

 



•प्रेम

ऐश्वर्य के पाँव में पड़े

छालों का नाम है


•नदियाँ धरा का सौंदर्य हैं

और पड़ाड़ो तक पहुँचने का

सुगम मार्ग


•दर्द के मार्ग पर

चलते हुए

प्रिय का प्राकट्य होता है


•कोई तो है

जो इस सृष्टि पर

दृष्टि रखे है


•प्रेम में

तुम्हें याद करना ही

मेरे प्रेम की अधिकतम सामर्थ्य है


दो क्षणिकाएँ

१. तुम आग हो
तो मैं एक रसायन
आओ मिलकर बनाते हैं
जैविक हथियार
और समूचे ब्रह्मांड में
फैला देते हैं
प्रेम का वायरस.


२. प्रतीक्षा है मुझे
उस दिन की
जब पृथ्वी
अपना गुरुत्व खो देगी
और मैं
तुम्हारा हाथ थामकर चलूँगी
तुम्हें मंगल ग्रह तक छोड़ने…

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php