आईने वाली राजकुमारी


बात यही कोई एक सौ साल पुरानी है द्वैतगढ़ में एक राजकुमारी रहा करती थी जो अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती थी. उनके अधरों पर प्रशंसा के कितने ही गीत लिखे गए जो यदाकदा उनके कत्थई नेत्रों के सामने से आए गए परन्तु उनके गुलाबी गालों को सम्मोहित न कर सके. अपने भाई सा से उन्होंने तलवार चलाना बस इसलिए सीखा कि उनकी ओर उठने वाली लालसा भारी निगाह को वो सबक सिखा सकें. प्रतिभा और सौंदर्य से पूर्ण होने के बाद भी गर्व किंचित उन्हें स्पर्श तक न करता था. महाराज, महारानी और युवराज की लाडली राजकुमारी को बस इसी बात का दुःख था कि उन्हें कहीं भी अकेले जाने की अनुमति नहीं मिलती थी.
एक दिन राजकुमारी अपने भवन में उदास बैठी थी. दासी ने इसकी सूचना महारानी को दी. महारानी उस समय अपना शृंगार करवा रही थीं परन्तु सब छोड़कर भागीं. माँ को आया देख राजकुमारी ने उनकी ओर अपनी पीठ घुमा दी.
"पुत्री, ऐसा मत करो. पीठ तो शत्रु को दिखाने का रिवाज है"
"तो आप आज ये प्रमाणित कीजिए कि आप हमारी मित्र हैं"
"तो इसके लिए क्या करना होगा हमें?"
"हम आज मयूरी विहार जाना चाहते हैं, आप अनुमति दीजिए"
"बस कुछ क्षण प्रतीक्षा कर लो. तुम्हारे भाई सा आ रहे होंगे"
"नहीं, हम अभी इसी क्षण और अपने चेतक पर अकेले जाना चाहते हैं"
"यह इच्छा हम पूरी नहीं कर सकते"
"तो आप हमारी मित्र नहीं. हम अठारह बरस के हो गए. समझदार हैं. निडरता और चतुराई के कौशल से पूर्ण हैं परंतु इस महल में ही बंद होने को विवश हैं"
"यह मत भूलो कि तुम सौंदर्य कला से पूर्ण एक युवती भी हो"
"परन्तु अपनी सुरक्षा तो कर सकते हैं"
"कुछ भी हो… ममहाराज के आने तक तुम्हें ठहरना ही होगा"
"ठीक है हम भी अब अन्न जल तब तक नहीं ग्रहण करेंगे, जब तक महाराज नहीं आते"
"पुत्री तुम नाहक ही वाद कर रही हो"
"माँ सा… हमारा चेतक बाहर प्रतीक्षा कर रहा"
बहुत अनुनय विनय के पश्चात महारानी इस शर्त पर मानी कि राजकुमारी के घोड़े के साथ उनकी पालकी भी जाएगी और उसमें दासियाँ होंगी. माँ सा का हाथ चूमकर राजकुमारी ने हामी भर दी.

अगला भाग जल्दी ही...

6 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

सुन्दर
इन्तज़ार अगले अंक का
सादर

~Sudha Singh Aprajita ~ ने कहा…

हम अगले भाग का इंतजार करेंगे ...कहानी रुचिकर लग रही है..👌👌👌👌

विश्वमोहन ने कहा…

प्रतीक्षा है, आगे की!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार दीदी!
आगे भी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा रहेगी.

Roli Abhilasha ने कहा…

बहुत आभार आपका 🙏

Roli Abhilasha ने कहा…

जी आगे भी कहानी जारी रहेगी 🙏

मेरी पहली पुस्तक

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