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लिख दिया

 रेत रेत लिख दिया

देह खेत लिख दिया

उँगलियाँ कलम हुईं

श्याम श्वेत लिख दिया


तार तार मन को जब

प्यार प्यार लिख दिया

दिल के ज़ख़्म में भी

तूने शहरयार लिख दिया


धानी, लहू को करके

दिन का उतार लिख दिया

इतना दिया प्यार तुमने

के कर्जदार लिख दिया

8 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 01 सितम्बर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

Roli Abhilasha ने कहा…

बहुत आभार यशोदा दी आपका!

Kamini Sinha ने कहा…

बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति...

Swapan priya ने कहा…

Behad khubsurat💞💞👏👏

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत सुन्दर बहुत बहुत मधुर ।

Roli Abhilasha ने कहा…

शुक्रिया!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार मान्यवर!

Roli Abhilasha ने कहा…

स्नेहिल आभार कामिनी जी!

मेरी पहली पुस्तक

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