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लिख दिया

 रेत रेत लिख दिया

देह खेत लिख दिया

उँगलियाँ कलम हुईं

श्याम श्वेत लिख दिया


तार तार मन को जब

प्यार प्यार लिख दिया

दिल के ज़ख़्म में भी

तूने शहरयार लिख दिया


धानी, लहू को करके

दिन का उतार लिख दिया

इतना दिया प्यार तुमने

के कर्जदार लिख दिया

8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज बुधवार 01 सितम्बर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति...

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