ईश्वर ने भगवद्गीता बचा ली
सच कितना बड़ा चमत्कार ईश्वर का!
मगर इंसानों को
ऊँचाई पर ले जाकर
पहले तो नीचे पटका
फिर आग के हवाले कर दिया
यह कोई कविता नहीं पीड़ा है
टीआरपी के विरुद्ध
सच टीआरपी बटोरने के चक्कर में
भूल जाते हैं लोग
कितनी पीड़ा पहुँच रही होगी
उन मृतकों के परिवार जनों को
यह एक ख़बर पढ़कर
पीड़ा तब भी हुई थी
जब कुंभ में मोक्ष मिली
आम बात हो गयी है ऐसी पीड़ा
कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ होता रहता है
आम आदमी मोक्ष को प्राप्त होता है
क्योंकि आम आदमी के लिए
बस एक ही सच है
कि अधिकतम पीड़ा के क्षणों में
ईश्वर नहीं भूलता है उन्हें क्लोरोफॉर्म सुंघाना
बेहतरीन रचना 💐
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण कविता
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