बिटिया

हर चिड़िया के माथे पर एक उदासी
और पंखों में एक उमंग होती है
हर बार जमीन से
जितना भी ऊपर जाती है
हर चिड़िया के माथे पर
अा जाती है शिकन, फ़िर भी
हर चिड़िया अपनी चोंच में
नेह भर तिनका लिए रहती है.
बहुत कुछ ऐसी ही होती है बेटी
सब कुछ करती है सभी के लिए
पर चाहकर भी उड़ नहीं सकती
कभी अपने लिए.
क्योंकि हर बिटिया
परों वाली चिड़िया नहीं होती.

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मेरी पहली पुस्तक

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