मेरा शपथ-पत्र



अगर कोरोना से मरी तो नेत्रदान का मेरा संकल्प अधूरा रह जाएगा.

इतनी सुंदर न थी ये आँखें मग़र तुमपर ऐसी टिकी कि ख़ूबसूरत हो गईं.

मेरी आँखों में मेरी आत्मा शेष रहेगी और वो तुम्हारी कविताओं के प्रेम में जीवित रहेंगी.

4 टिप्‍पणियां:

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना

रेणु ने कहा…

अद्भुत !! अभिलाषा जी निश्चित ही वो भायशाली है जिसके लिए ये पंक्तियाँ हैं |

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार आपका 🙏

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार सखी ❤️

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php