नई सुबह

अभी तो ख्वाबों ने
पूरी तरह से
दस्तकभी न दी थी,
एक और सुबह ने
मेरी उधेड़बुन बढ़ा दी,
आज फिर एक नए शहर में हूँ,
आज फिर एक नए सफर में हूँ।

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मेरी पहली पुस्तक

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