मेरी सुबह



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आज फिर से नई एक सुबह हो गयी,
आज फिर से उम्मीदें रवां हो गयी,
मन थक कर कहीं छुप गया था जो,
रात की हर कली फिर जवां हो गयी,
बस थोड़ा समय का इशारा हुआ,
सारी उम्मीद फिर से यहां हो गयी,
छोड़ अपना लड़कपन बड़े हो चले,
वो दुनिया अब जाने कहाँ खो गयी,

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मेरी पहली पुस्तक

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