कैसे कहें प्रेम है तुमसे!


बहुत प्यार करने लगे हैं हम तुम्हें

जाने कितने दिनों से दिल में

चल रहा है बहुत कुछ

और कोई बात नहीं होती

कोई और होता भी नहीं वहाँ

इस तरह रहने लगे हो हमारे दिल में

कि हमें भी रहने नहीं देते हो अपने साथ

किए रहते हो अलग-थलग जैसे

हवा की आहट पर झाड़ देता हो

कोई पत्ता अपनी देह की धूल

बात-बात पर कर देते हो हमें अपनी

उन मुस्कुराहटों से विस्थापित

जिनके इंतज़ार में गीली रहती हैं कोरें

तुम्हारी सवा किलो की यादें

और एक मन का दर्द…

कभी रुको न हमारे सामने घड़ी दो घड़ी

तो देख लें मन भरकर तुम्हें

चूम लें तुम्हारे होने को

कभी कहो न कुछ…

क्यों कहें हम, कितना प्यार है तुमसे

खोल तो दी है हमने अपनी

इच्छाओं की सीमा

विचरण कर रहा है प्रेमसूय अश्व

हमें स्वीकार है तुम्हारी सत्ता

हम निहत्थे ही आयेंगे तुमसे परास्त होने

एक बार चलाओ अपना प्रेम शस्त्र.


PC: Google

20 टिप्‍पणियां:

रेणु ने कहा…

हमें स्वीकार है तुम्हारी सत्ता
हम निहत्थे ही आयेंगे तुमसे परास्त होने
एक बार चलाओ अपना प्रेम शस्त्र.////
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति प्रिय अभिलाषा | प्रेम में सर्वस्व समर्पित हो जाने की कला न आसान होती है ना सबमें व्याप्त होती है | क्योंकि बकौल ग़ालिब --ये एक आग का दरिया है और डूब के जाना है ---! बहुत ही मनोहारी प्रेमिल, बेबाक़ सृजन के लिए हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई |

Rohitas Ghorela ने कहा…

प्रेम की जंग में अगला जीत भी जाये तो अपनी हार कहाँ होती है।
सुंदर बहुत ही सुंदर रचना।

नई रचना पौधे लगायें धरा बचाएं

विश्वमोहन ने कहा…

वाह! बहुत सुंदर।

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत बहुत सुन्दर

Roli Abhilasha ने कहा…

बहुत आभार माननीय!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार आपका माननीय!

Roli Abhilasha ने कहा…

जी सत्य कहा...आभार!

Roli Abhilasha ने कहा…

बहुत आभार आपका इस प्रेमपूर्ण प्रतिक्रिया के लिए!

Roli Abhilasha ने कहा…

स्नेहिल आभार महोदया!

Manisha Goswami ने कहा…

बहुत ही प्यारी और खूबसूरत रचना प्यार की प्यासी तो पूरी सृष्टि है!प्यार का एहसास इतना खूबसूरत होता है जिसे शब्दों बयां कर पना मुश्किल है! आपने बहुत ही खूबसूरती से प्यार को व्यक्त किया है

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरती से अपने एहसास को शब्द दिए । 👌👌👌

yashoda Agrawal ने कहा…

उव्वाहहहह
जियो..
हम निहत्थे ही आयेंगे तुमसे परास्त होने
एक बार चलाओ अपना प्रेम शस्त्र.
सादर..

Amrita Tanmay ने कहा…

अति सुन्दर प्रस्तुति ।

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर रचना।

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार दिल से महोदया!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार आपका!

Roli Abhilasha ने कहा…

मन मोह लिया आपकी प्रतिक्रिया ने यशोदा दी! ❤️

Roli Abhilasha ने कहा…

बहुत आभार!

Roli Abhilasha ने कहा…

धन्यवाद आपका!

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत भावपूर्ण , सुन्दर , सरस सृजन !

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php