अच्छे लगते हैं मित्र

बहुत अच्छे लगते हैं मित्र जब बहुत खास होते हैं

बहुत अच्छे लगते हैं मित्र जब नहीं उदास होते हैं

छोटी सी बात पर ही जो मुस्कुरा देते हैं

बस एक झलक से हर दर्द भुला देते हैं

अगर गुस्सा भी आ जाए तो दिल में नहीं रखते

उनके लिए दिल बस यही कहे कि हरदम रहें चहकते


बहुत अच्छे लगते हैं मित्र जो चाय का स्वाद बढ़ाएं

बहुत अच्छे लगते हैं मित्र जो दूर होकर भी बेहद भाएँ

हर छोटी बात पर ही वो याद आ जाते हैं

अपनी हर अदाओं से हँसाते हैं, रुलाते हैं

दुनिया का सबसे ख़ूबसूरत मित्रता ख़याल है

मित्र इत्र की महक से सजा एक रुमाल है


बहुत अच्छे लगते हैं मित्र जो एक अहसास होते हैं

बहुत अच्छे लगते हैं मित्र जो मन के बेहद पास होते हैं

हमको भी एक इतना ही प्यारा सा मित्र मिल गया

शब्दों में लुटाकर रौनकें, जाने कब गले लग गया

हम उड़ेलते रहे ख़ुद को फिर भी भरे ही रहे

हाथ थामा जबसे ख़ुशी का नींद भूख तज खड़े ही रहे

2 टिप्‍पणियां:

Onkar ने कहा…

बहुत सुन्दर

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार!

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php