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एल फाॅर लिसेन

 



तुम एन्ड्रायड पर लिखो

लोग आई फोन पर पढ़ें

गोया झोपड़ी की चीख

महलों में इको करे


यह सोशल एनेस्थीसिया से

बाहर आने का समय है


भागना नहीं है

न तो प्रश्नों से

न ही स्वयं से


5 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

भागना आसान है शायद चाहे सवाल हो या परिस्थिति...।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ०९ अप्रैल २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।

आलोक सिन्हा ने कहा…

सुन्दर

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना

हरीश कुमार ने कहा…

बहुत खूब

मेरी पहली पुस्तक

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