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यादें

बस यादें रह जाएंगी
जब भी देखोगे प्रोफ़ाइल मेरी
एक सिहरन तुम्हें छूकर
गुज़र जाएगी
अभी वक़्त है, मिल लो
ख़बर ले लो मेरी
हाल अपना भी दो.
....
....
....अगर नहीं चाहते हो
उस खंडहर के पीछे
नीम की घनी छांव में बैठी मिलूं.

6 टिप्‍पणियां:

विश्वमोहन ने कहा…
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
विश्वमोहन ने कहा…

वाह! दिल को सहलाती गुहार!!!

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

अभी वक़्त है, मिल लो
ख़बर ले लो मेरी
हाल अपना भी दो....
आपकी रचनाओं का मैं हमेशा से मैं कायल रहा हूँ । इस रचना में स॔जीदगी का बेहतरीन एहसास है। आपकी रचनात्मकता को नमन है रोली जी।

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

कृपया मेरे कमेंट्स को सीधे publish होने की अनुमति भी दें।
वैसे, इन्सान मैं ठीक-ठाक ही हूँ ।😊

Roli Abhilasha ने कहा…

माननीय क्षमा कीजिएगा अब ऐसा नहीं होगा 🙏

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार आपका 🙏

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php