मैं तुम्हारी ही तो हूँ।

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तुमने मुझे
रंगों में जाना,
छन्दों में जाना, 
काग़ज़ के हर
अनुबंधों में जाना;
पर जहाँ मैं तुम्हारी
बस तुम्हारे लिए हूँ,
तुमने न जाना,
वहीं बस न माना.

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मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php