तुम्हारी शुभ यात्रा

मंजिल की ओर उठा हुआ
तुम्हारा पहला कदम
अनवरत बढ़ता रहे,
तुम्हारी सोच के
आकार का विस्तार
हर दिशा में हो
तुम्हारी सफलता
हर उपमा से परे हो
तुम्हारा यश आलोकित हो...

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मेरी पहली पुस्तक

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