माँ शारदे...

माँ शारदे!
स्नेह से तार दे
   मेरी कलम में वो
     रोशनाई तू दे कि जो
       मन की परिभाषा मैं कह दूं
     वो भावों का संगीत हो
    हो तेरी वीणा मधुर
   शब्द मेरे रचे हों
गीत तेरा अमर!

कोई टिप्पणी नहीं:

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php