अब मोमोज़ हो गई है।



GOOGLE IMAGE

पहले रिश्तों को
धुला, सुखाया और फिर
तला जाता था,
अब सेंकने का भी
समय नहीं मिलता है;
तब जो
कुरमुरे से हुआ करते थे,
अब विद्युत यन्त्र में
मरे से पड़े हैं:
वो वक़्त नहीं रहा
जब जायका था
अब तो दिखावे की तस्करी है,
जिसका जितना महंगा चूल्हा
उसकी उतनी दाल गली है:
तब स्वादानुसार थे
अब सेहतानुसार हैं,
तबियत की कहाँ रही थाली
आँखों की सोज हो गयी है;
क्या खाया गिनते-गिनते
टेंशन की डबल डोज़ हो गयी है;
वक़्त की आंच पर
मद्धिम-मद्धिम सी तली
पहले समोसा सी थी ज़िंदगी
और अब
मोमोज़ हो गई है।

कोई टिप्पणी नहीं:

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php