Pages

तुम्हारे नाम का पहला अक्षर!

GOOGLE IMAGE

जब भी देखती थी
मैं अपनी हथेली को
नहीं दिखती थी मुझे रेखाएं
न हथेली का रंग
और न ही दिखा कभी
भाग्य का कोई निशान.
जाने क्यों
हर बार
मेरा ध्यान चला जाता था
उस पर
जो था...
तुम्हारे नाम का पहला अक्षर
तब मैं नहीं जान पायी थी
इसका मतलब
जैसे-जैसे
तुम्हारी उपस्थिति बढ़ी
हाथ की रेखाएं
रंगत बदलने लगी
सिमटती गयी
मेरी दुनिया
सिर्फ तुममें
तुमने भी तो आसरा दिया
मेरी इच्छाओं को,
खुशियों से भर दी
मेरी छोटी सी
सपनों की दुनिया
पर आज मुझे लगता है
कि वो 'अक्षर'
महज हथेली पर है
मेरी बन्द मुट्ठी से
सरक जाता है
क्योंकि तुम भी तो
बस मेरी यादों में हो
मेरे आज में नहीं,
नहीं चाहिए मुझे
अपनी हथेली पर
तुम्हारे नाम का पहला अक्षर
मुझे तो संवारना है
तुम्हारे नाम के साथ
अपना नाम
जन्म-जन्मांतर...




डायरी के पन्नों से
© May 27, 2012

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें