To explore the words.... I am a simple but unique imaginative person cum personality. Love to talk to others who need me. No synonym for life and love are available in my dictionary. I try to feel the breath of nature at the very own moment when alive. Death is unavailable in this universe because we grave only body not our soul. It is eternal. abhi.abhilasha86@gmail.com... You may reach to me anytime.
Where are you?
It's raining here,
My eyes are still outside
peeping from window,
gazing tiny droplets,
which are welcomed by flowers.
What's happening outside,
its all looking vigorous to me.
The smell of watery soil is
nagging me.
Because you're
missing from the scene.
My eyes are still outside
peeping from window,
gazing tiny droplets,
which are welcomed by flowers.
What's happening outside,
its all looking vigorous to me.
The smell of watery soil is
nagging me.
Because you're
missing from the scene.
Decision of an hour.
My hours of leisure
I spent.
I was sure
To place vacant.
You said to stay
With me whole night.
I was ashore, in observing
The manners and dispositions.
A CALL from your side
Was enough
To grave my enthusiasm,
I was craved for.
Nothing you said except,
'Be practical'.
...........
You left nothing to me.
I spent.
I was sure
To place vacant.
You said to stay
With me whole night.
I was ashore, in observing
The manners and dispositions.
A CALL from your side
Was enough
To grave my enthusiasm,
I was craved for.
Nothing you said except,
'Be practical'.
...........
You left nothing to me.
Why the way of suicide?
Suicide is not only a word
That means
To kill themselves,
But a murder.
When they smother the sense,
Feelings, expectations, relations.
Human being is creator,
Why don't want
to live in harmony,
Feel themselves as defeater,
Why there is so monotony?
That means
To kill themselves,
But a murder.
When they smother the sense,
Feelings, expectations, relations.
Human being is creator,
Why don't want
to live in harmony,
Feel themselves as defeater,
Why there is so monotony?
शुभकामना
आज आपकी सुबह
हर सुबह से खुशनुमा हो,
बस यही सोचकर
मैं आंखे खोलती हूँ,
जमीन पर पाँव रखने से पहले
ईश्वर को साक्षी मानकर,
शुरू करती हूँ
अपना सफर
कि आपके सफर की
थकान हमे मिले,
सपनों की उड़ान आपकी हो,
संघर्ष के निशान हमें मिले।
हर सुबह से खुशनुमा हो,
बस यही सोचकर
मैं आंखे खोलती हूँ,
जमीन पर पाँव रखने से पहले
ईश्वर को साक्षी मानकर,
शुरू करती हूँ
अपना सफर
कि आपके सफर की
थकान हमे मिले,
सपनों की उड़ान आपकी हो,
संघर्ष के निशान हमें मिले।
Words can do magic?
Words are words.
Its have own worth.
It never hurts anymore
but when it does,
no healer is for its.
It's nothing and nowhere
but makes the life buzz.
Its have own worth.
It never hurts anymore
but when it does,
no healer is for its.
It's nothing and nowhere
but makes the life buzz.
When the words
heel the pain,
As much comfort here,
apart from it
no satiety and the gain.
heel the pain,
As much comfort here,
apart from it
no satiety and the gain.
Words are the only
who provide
a curve of smile
on our face.
Words never know
community and race.
who provide
a curve of smile
on our face.
Words never know
community and race.
नई सुबह
अभी तो ख्वाबों ने
पूरी तरह से
दस्तकभी न दी थी,
एक और सुबह ने
मेरी उधेड़बुन बढ़ा दी,
आज फिर एक नए शहर में हूँ,
आज फिर एक नए सफर में हूँ।
पूरी तरह से
दस्तकभी न दी थी,
एक और सुबह ने
मेरी उधेड़बुन बढ़ा दी,
आज फिर एक नए शहर में हूँ,
आज फिर एक नए सफर में हूँ।
मुक्ति
हर कविता में शब्द तुम्ही हो
गीतों में लय है गर तुम हो
दिन तुम्हारे नाम से होता है
शाम तुम्हारी यादों के साथ ढलती है,
तुम्हारे सुख-दुःख से मौसम बदलता है,
बारिश हो या तेज धूप चमके
मेरे मन का इन्द्रधनुष
तुम्हे देखकर खिलता है,
तुम जाड़ों की गुनगुनी धूप हो,
गर्मियों की भीनी हवा हो,
हवा में सुगंध हो,
सुगंध में अनुभव हो,
अनुभव में ऊर्जा हो,
मेरा तम भी तुम्हीं हो,
मन की उजास भी तुम हो,
मैं धरा हूँ,
मेरा आकाश भी तुम हो,
मन के नील-गगन में
तुम्हीं तो सहारा देते हो
जब मैं फैलाती हूँ
विश्वास से भी मजबूत डैने,
आसरा होता है तुम्हारा,
जैसे मेरा मोह, मेरा अर्पण हो,
जीवन में तर्पण हो,
अभिशप्त हूँ मैं
तुम्हारे पास नहीं आ सकती,
तुम्हे स्पर्श नहीं कर सकती,
तुम्हे अपना नहीं बना सकती,
अपनी संवेदनाओ से
तुम्हारा दर्द नहीं सहला सकती,
मैं आती थी हर रोज़
गहरी रात में
सन्नाटे के साये से लिपटकर
घंटों बैठी रहती थी तुम्हारे सिरहाने
सहलाती थी तुम्हारा माथा
अपनी अधखुली पलकों से
अनुभव करती थी
तुम्हारे देह की ऊष्मा,
करवट बदलते थे तुम
सही करती थी चादर की सिलवटें,
कभी छू न पाई तुमको
न जी भरके देख ही पाई,
हर रात ढल जाती थी,
दिन सौतन की तरह
हमारे बीच आ जाता था
अब नहीं होता आना-जाना
आत्मा तो अब भी हर पल तुम्हारी है
बस इस देह से मुक्ति मिल जाए
गीतों में लय है गर तुम हो
दिन तुम्हारे नाम से होता है
शाम तुम्हारी यादों के साथ ढलती है,
तुम्हारे सुख-दुःख से मौसम बदलता है,
बारिश हो या तेज धूप चमके
मेरे मन का इन्द्रधनुष
तुम्हे देखकर खिलता है,
तुम जाड़ों की गुनगुनी धूप हो,
गर्मियों की भीनी हवा हो,
हवा में सुगंध हो,
सुगंध में अनुभव हो,
अनुभव में ऊर्जा हो,
मेरा तम भी तुम्हीं हो,
मन की उजास भी तुम हो,
मैं धरा हूँ,
मेरा आकाश भी तुम हो,
मन के नील-गगन में
तुम्हीं तो सहारा देते हो
जब मैं फैलाती हूँ
विश्वास से भी मजबूत डैने,
आसरा होता है तुम्हारा,
जैसे मेरा मोह, मेरा अर्पण हो,
जीवन में तर्पण हो,
अभिशप्त हूँ मैं
तुम्हारे पास नहीं आ सकती,
तुम्हे स्पर्श नहीं कर सकती,
तुम्हे अपना नहीं बना सकती,
अपनी संवेदनाओ से
तुम्हारा दर्द नहीं सहला सकती,
मैं आती थी हर रोज़
गहरी रात में
सन्नाटे के साये से लिपटकर
घंटों बैठी रहती थी तुम्हारे सिरहाने
सहलाती थी तुम्हारा माथा
अपनी अधखुली पलकों से
अनुभव करती थी
तुम्हारे देह की ऊष्मा,
करवट बदलते थे तुम
सही करती थी चादर की सिलवटें,
कभी छू न पाई तुमको
न जी भरके देख ही पाई,
हर रात ढल जाती थी,
दिन सौतन की तरह
हमारे बीच आ जाता था
अब नहीं होता आना-जाना
आत्मा तो अब भी हर पल तुम्हारी है
बस इस देह से मुक्ति मिल जाए
Where I've to go...
Roaming aimlessly
in the vast empire
of your genuine sentiments
without having destination,
never thought
where I've to go...
in the vast empire
of your genuine sentiments
without having destination,
never thought
where I've to go...
My wedding Gown.
I'm so crazy,
not for my marriage
but my wedding gown.
Which would leave
a permanent mark
of sentiments,
the very first night
when you'll unveil it.
My emotions will dissolve
in you.
it's my passion.
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
मेरी पहली पुस्तक
http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php
-
•जन्म क्या है “ब्राँड न्यू एप का लाँच” •बचपन क्या है टिक टाक वीडियो •बुढ़ापा क्या है "पुराने एप का नया लोगो” •कर्म क्या हैं “ट्रैश” •मृ...
-
प्रेयसी बनना चाहती है वो पर बिना पहले मिलन प्रेम सम्भव ही कहाँ, सुलझाते हुए अपने बालों की लटें उसे प्रतीक्षा होती है उस फूल की जो उसका...