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आई लव यू

 

जब भी उदासी पढ़ती हूँ तुममें

देख लेती हूँ मुस्कुराते हुए तुम्हारे चित्र

बचपन के भी...कोशिश करती हूँ

तुम्हें पहचानने की अपनी आँखों से

प्रेम में आँखें कभी झूठ नहीं बोलतीं

मेरा 'आई लव यू' तुम्हारे लिए

तुम्हारी उपस्थित अनुपस्थिति में

बहुत से पीड़ादायक पलों को परे कर

हर्ष की अनुभूति में लिपटा एक बोसा.

मेरी भोर की नींद तुमसे मिलने को

उचटने जो लगी है...

मेरी हिचकियों में भी अब तुम्हारी स्मृति नहीं

प्रेम कविताओं में पगे पल रहने लगें हैं

आज दे रही हूँ तुम्हें प्रेम में पगे ढाई आखर.

20 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

प्रणय दिवस के अवसर पर सार्थक प्रस्तुति।

Ravindra Singh Yadav ने कहा…

नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 15 फ़रवरी 2021 को चर्चामंच <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ बसंत का स्वागत है (चर्चा अंक-3978) पर भी होगी।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

बहुत सुंदर रचना...🌹🙏🌹

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

प्रेम पगी खूबसूरत अभिव्यक्ति

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत बहुत सुन्दर रचना

Shakuntla ने कहा…

जब भी उदासी पढ़ती हूँ तुममें

देख लेती हूँ मुस्कुराते हुए तुम्हारे चित्र

बचपन के भी...कोशिश करती हूँ

तुम्हें पहचानने की अपनी आँखों से

प्रेम में आँखें कभी झूठ नहीं बोलतीं

मेरा 'आई लव यू' तुम्हारे लिए...अतिसुंदर

Meena sharma ने कहा…

बहुत सुंदर

Onkar ने कहा…

बहुत ही सुंदर

अनीता सैनी ने कहा…

वाह!बहुत ही सुंदर सृजन।

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

बसंतोत्सव की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीया रोली जी।

Roli Abhilasha ने कहा…

बहुत आभार!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार माननीया!

Roli Abhilasha ने कहा…

बहुत आभार!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार आपका!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार माननीय

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार आपका माननीय!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार माननीया!

Roli Abhilasha ने कहा…

बेहद आभार माननीय!

Roli Abhilasha ने कहा…

आभार आपका!

Swapan priya ने कहा…

बेहद खूबसूरत ब्लॉग है। बहुत सुंदर लिखते हैं आप। love ur write up Mam❤❤

मेरी पहली पुस्तक

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