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प्यारा बचपन

 माथे पर थी

स्वेद की धार

मन, तृष्णा की

मीन बयार

दर्द की हर

लज्जत से प्यार

इमली, कैरी, कैथा बेर

गुम गयी सहेलियाँ चार

बैर, द्वेष से भरा है मन

खोया स्मित का संसार

फेंक दो सारी

खुली किताबें

प्यारा बचपन

लौटा दो यार


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