Wikipedia

खोज नतीजे

गुनाहों का देवता: एक मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण

 










"गुनाहों का देवता" में चंदर एक जटिल और विरोधाभासी चरित्र है, जिसका मनोवैज्ञानिक विश्लेषण यह बताता है कि उसका अनाथ होना उसके व्यक्तित्व पर गहरा प्रभाव डालता है. इससे उसे सुरक्षा और प्यार की कमी महसूस होती है, और वह दूसरों पर निर्भरता से बचने की कोशिश करता है. डॉ. शुक्ला चंदर के लिए एक पिता तुल्य व्यक्ति हैं, जिनका मार्गदर्शन और स्नेह चंदर के जीवन को आकार देता है. चंदर सुधा से गहराई से प्रेम करता है, लेकिन अपने आदर्शों और डॉ. शुक्ला के प्रति कृतज्ञता के कारण अपने प्रेम का इज़हार नहीं कर पाता. चंदर में आत्म-बलिदान की भावना कूट-कूट कर भरी है. वह सुधा की खुशी के लिए खुद को कुर्बान करने को तैयार रहता है. चंदर नैतिक द्वंद्व से जूझता रहता है. वह अपने आदर्शों और भावनाओं के बीच फंसा रहता है. इस क़दर उलझता है कि उससे गलतियाँ होती हैं. चंदर एक अंतर्मुखी व्यक्ति है, जो अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में संकोच करता है. चंदर एक आदर्शवादी व्यक्ति है, जो जीवन में उच्च नैतिक मूल्यों को महत्व देता है. चंदर के मन में असुरक्षा की भावना भी है, जो उसके अनाथ होने और सुधा को खोने के डर से उपजी है.


चंदर का चरित्र मनोवैज्ञानिक रूप से समृद्ध है, जो पाठकों को उसकी आंतरिक संघर्षों और भावनाओं से जोड़ता है. उसका चरित्र प्रेम, त्याग, और नैतिक द्वंद्व जैसी मानवीय भावनाओं का एक जटिल चित्रण प्रस्तुत करता है. भारती जी ने इस किरदार के साथ बहुत इंसाफ किया. एक अच्छे व्यक्तित्व का धनी दिखाया. मगर यही पूरी कहानी भर चलता तो कहानी का नाम “गुनाहों का देवता” क्यों होता? क्या बेहतरीन नक्काशी उकेरी मनोविज्ञान की, एक आदर्शवादी युवक की अति नैतिकता ही उसके भीतर कुंठा का कारण बन गयी. वह गलतियों पर गलतियाँ करने लगा.


भारती जी ने समय के सापेक्ष एक अजर अमर साहित्य रचा है. उन्होंने चंदर को महानायक बनाकर नहीं प्रस्तुत किया वरन सामान्य दिखाने का प्रयास किया. हम जिस माहौल में रहते हैं वहाँ अति आदर्श का क्या हश्र होता है…जरा सा मानसिक असंतुलन होने पर भयंकर कुंठा के रुप में किस तरह निकलता है, यह सब दिखाता है यह किरदार. मध्याह्न के पहले से बाद तक कहानी बिल्कुल ही बदल जाती है. 


अभिलाषा

2 टिप्‍पणियां:

Anita ने कहा…

सार्थक समीक्षा

Onkar ने कहा…

बहुत बढ़िया समीक्षा

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php