Wikipedia

खोज नतीजे

वक्रीय दुश्वारियां


GOOGLE IMAGE
वो हर रास्ता तय करता गया
ये समझे बगैर
कि उसका हर कदम उल्टा है,
जीवन की बारीकियों में उलझा रहा,
मोटी रेखाएं उसके चारों ओर
त्रिभुज की तरह अड़ गईं,
घेरा तो हर ओर से आच्छादित था
मगर उसने
एक रेखा उठाकर राह बनानी चाही,
समानांतर क्रम टूटा
और राह बनी रेखा पर
समय की वीभत्स दुश्वारियां
360° में नियत हो गईं।

कोई टिप्पणी नहीं:

मेरी पहली पुस्तक

http://www.bookbazooka.com/book-store/badalte-rishto-ka-samikaran-by-roli-abhilasha.php